अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे?

केशव और श्यामा ने असलियत में चिड़िया के अंडों को पहली बार देखा था। पहली बार किसी भी चीज को देखना और उसकी देखभाल करने का उत्साह बच्चों में बहुत होता है। ऐसा ही उत्साह श्यामा और केशव के मन में भी था। अंडों को इस तरह कार्निस पर रखा देखकर उनके मन में कई तरह के सवाल उठते। जैसे कि अंडों से बच्चे कब तक बाहर निकलेंगे? चिड़िया अपने बच्चों का पेट कैसे भरेगी? बच्चे किस रंग के होंगे? इस तरह के कई सवाल दोनों के मन में तैर रहे थे। हालांकि इन सवालों का जवाब देने के लिए कोई नहीं था। इसी वजह से वह आपस में बाचचीत करके एक दूसरे को तसल्ली दे दिया करते थे।


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